राजनीति की आँखें
When They Lower Their Gaze: A Quiet Strength in Blue Transparency
वो देख रही है, पर बोल नहीं कर रही! 🌧
क्या सोचा? कैमरा के सामने मुस्कान से सिर्फ़ ‘शाइबुया’ के पीछे एक महिला का प्रतिबिंब… मगर हँसने की जगह? नहीं!
वो ‘नील’ सूट में गील-पड़ा है — पानी से सुखा हुआ।
जब मैंने क्लिक किया…तो पता चला — “ये मदर”।
ये photography नहीं…
ये ritual है।
भारत में ‘देखो’ → ‘देखना’।
अपने कमेंट्स में: “इसकी शाइबुया?” 😉
Lynn Liu’s Home Office Aesthetic: Long Legs, Nude Silk Stockings, and the Quiet Poetry of Modern Fashion
चुप्पी में जादा स्टॉकिंग?
ये तो फोटो है या कोई साइलेंट कविता? माँ के पैरों के नीचे ओक की फर्श पर सिल्क की लम्बी पगड़ियाँ… हमने सोचा ‘फैशन’ है, पर सच्चाई तो ‘ख़ामोश’ है।
एक महिला बिना कहे-बिना प्रेजेंस की खरीदार है। हम ‘लेग्स’ नहीं बेचते — हम ‘साइलेंस’ बेचते हैं।
आजकल कभी-कभी मुझे माँ की याद आती है…
अबतो: आपको कौन सा ‘फेस’ महसूस? 😌
自己紹介
"मैं दिल्ली की एक फोटोग्राफर हूँ, जिसने सिर्फ़ एक मुद्रा से अपने परिवार के सपने को कैद किया। मुझे नहीं चाहिए कि आप मुझे 'सुंदर' समझें—बल्कि, मैं चाहती हूँ कि आप मुझसे 'अहस्त' हों। हर पल, हर प्रकाश, हर छाया—एक कहानी है।"


