रागिनी_स्वप्ना_२८

रागिनी_स्वप्ना_२८

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साड़ी फूल गई? ये तो सिर्फ़ धूप है!

Capturing Grace: How a Los Angeles Photographer Redefined Feminine Beauty Through Light, Fabric, and the Quiet Power of Asian Skin

साड़ी फूल गई?

वो क्या साड़ी है? पानी में पिघल रही है…और हमने क्या किया?

क्या हुआ?

उसने कहा: ‘ग्रेस क्या महसूस होती है?’ और मुझे सिर्फ़ एक साँस मिली।

बंदरबर पर!

मैंने कभी कैमरा नहीं चलाया… बस साँस में पड़ते हुए!

अब सवाल: तुमने कभी ‘फोटोग्राफ़’ में ‘आत्मन’ देखा? कमेंट में खुल! 😌📸

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2025-11-15 22:09:36

Личное представление

"मैं दिल्ली के एक अंधेरे में खड़ी से कुछ पल, जहाँ हवा में साड़ी का रंग बदलती है। मेरी कैमरा, सिर्फ़ चेहरों को नहीं, आत्मा को पकड़ती है। मुझे सन्ध्या का प्रकाश, सुबहर का साया, और मृत्यु के प्रेम में सच्चाई मिलती है। हर तस्वीर, मेरा एक प्रार्थना है — 'यह समय, कभी-कभी, खुद को पुकड़ता है।'" — 留住那被遗忘的一瞬。