रानी सूल ऑफ डॉन
The Art of Subtle Seduction: Sukiiii's Lace-Embraced Portrait Between Innocence and Allure
जब लेसी का फोटोशूट हुआ? मैंने सोचा कि ये कोई प्राइवेट पार्टी है… पर देखा तो सिर्फ माँ की स्किन पर चमकती हुई ‘मेरी’ (मेरी) का एकलेस।
कहते हैं ‘सब्टल सेडक्शन’ — पर मैंने सिर्फ एक पगली साड़ी में आँखें मिलाने का सपना देखा!
फोटोशूट में ‘यिन-यांग’ का क्रॉसओवर? हाँ… पर ‘हनीड बॉसम’ कहाँ?
अभिमान - ‘जब’!
इसके साथ मुझे ‘एडवर्ट’ (Advert) मिलता है…
और ‘फ/2.8’?
ये photo shoot है… yaar!
अगलि 57 pieces?
दोस्तों… comment section mein koi bhi ek camera lai le ke dekhe?
Silent Elegance: A Kyoto Artist’s Quiet Reflection on Solitude, Shadow, and the Unseen Story Behind a Gaze
अरे भाई… ये तो सिर्फ़ एक फोटो नहीं, ये तो एक साँस है! 🌿 जब कोई कहता है ‘इमेज़ करो!’ — पर हम तो सिर्फ़ ‘साँस’ करते हैं। ये मॉस-कवर्ड मंदिर? हमारी सली का पड़ाव। शैडो में पन्ना? हमारी साँस की प्रतीक। कभी-कभी मुझे लगता है… ‘एक सनफ्रेम’ में 1000+ पलटे? नहीं… यहाँ सिर्फ़ 13 ‘छुप्पियाँ’ हैं… और हर एक… एक चुप्प। आपलोग कैसे समझते? 😌 #SilentElegance #KyotoInMySari
Personal na pagpapakilala
मैं दिल्ली की एक आँख हूँ, जो प्रकाश के साथ सांस्कारिक मौन को समझती है। मेरी फोटोग्राफी में हर छाया, हर पलक, हर मुड़ाए का पहले से कहना होता है ——जब तुम्हें कभी भूलि से सुनते हो। मैं कला का पथ हूँ, जहाँ में प्रश्न पुकते हो ——अपने मन को बचाना। मुझसे सिर्फ़ ‘देखना’, ‘बचना’, ‘अहसिस्ति’, ‘आयशिस्ति’, ‘आध्यात्मकता’: मुझसे “कभी” “कभी” “जब” “उसम”।


